PPI (PROTON PUMP INHIBITORS)
PPI (प्रोटोन पंप इन्हीबिटर) यह ऐसी दवाएं है जो आपके पेट में ग्लैंड्स (गंथियों) द्वारा बनाये गए पेट के एसिड की मात्रा को काम करने का काम करते है।
PPI (प्रोटोन पंप इन्हीबिटर) कैसे मदद करता है
1. यह आपको एसिड रिफ्लक्स डिजीज और गैस्ट्रोएसोफैगस रिफ्लक्स डिजीज से काम करता है। यह एक ऐसी स्तिथि है जिसमे भोजन पेट से एसोफैगस (आहारनाल) में आ जाता है।
2. यह डूओडनल और गैस्ट्रिक अलसर को भी ठीक करने में मदद करता है।
3. यह लोअर एसोफैगस को भी ठीक करने में मदद करता है जो डैमेज हो जाती है।
PPI के प्रकार
यह कई प्रकार के होते है लगभग सामान कार्य करते है।
1. पेंटाप्राज़ोल
2. रेबिप्राजोल
3. ओमेप्राजोल
4. लेनसोप्राजोल
5. एसोमेप्राजोल
6. डेक्सलेनसोप्राजोल
PPI का उपयोग कैसे करें
इस दवा को ओरल लिया जाता है या पूरा निगल कर लिया जाता है। इसे चबाकर तोड़कर और कुचलकर नहीं खाना चाहिए। यह कैप्सूल्स और टेबलेट के फॉर्म में होता है। इसे खाने के 30 मिनट पहले लेना चाहिए। इन्हें अक्सर कुछ दवाइयों के साथ डॉक्टरों के द्वारा लिखा जाता है।
PPI के दुष्प्रभाव
1. अल्कोहल- इसका इस्तेमाल शराब के साथ न करें। कृपया अपने डॉक्टर से सलाह ले।
2. प्रेगनेंसी- गर्भवस्था के समय लेना सुरक्षित नहीं है। कृपया अपने डॉक्टर से सलाह ले।
3. स्तनपान- स्तनपान के समय इसे लेना सुरक्षित नहीं है।कृपया अपने डॉक्टर से सलाह ले।
4. लिवर- कृपया अपने डॉक्टर से सलाह ले।
5. किडनी- कृपया अपने डॉक्टर से सलाह ले।
6. ड्राइविंग- इसके सेवन से अगर आपका ध्यान भटकना या धुंधला दिख रहा है तो इस स्थिति में ड्राइव न करें।
आपका ड्रग एक्सपर्ट
प्रतीक विश्वकर्मा(रजि फार्मासिस्ट,फार्मेसी ओनर,एक्स मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव 5 वर्षो का अनुभव)
श्री राम मेडिकोज मझौली
ईमेल - shrirammedicose2017@gmail.com
References- medical encyclopedia
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