Skin Related Disease & Treatment
हमने कल जाना की फंगल संक्रमण क्या होता है ? उसके लक्षण और प्रकार भी जाने। फंगल संक्रमण के ट्रीटमेंट के बारे में हम आज जानेंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि इससे बचने के लिए क्या करें? क्या न करें?
यह बीमारी आज के समय में बहुत से लोगों में हो चुकी है। इसका कारण हो सकता है आज के वातावरण में परिवर्तन। आज हम ज्यादातर फास्टफूड और स्ट्रीट फ़ूड की ओर आकर्षित हो रहे है। इसके कारण भी कई बार हमें इस बीमारी सामना करना पड़ता है। इसलिए बुनियादी स्वच्छता उपचार के साथ-साथ दाद को रोकने में मदद कर सकती है। त्वचा को साफ और सूखा रखने से संक्रमण से बचा जा सकता है। सार्वजनिक रूप से सुरक्षा में सार्वजनिक शावर या लॉकर रूम में चप्पल पहनना और किसी दूसरे के इस्तेमाल किए गए सामान और तौलिए से बचना शामिल है।
उपचार एवं सलाह एलोपैथी और आयुर्वेदिक
सही मायने में फंगल इन्फेक्शन का इलाज डॉक्टर की सलाह के माध्यम से ही हो सकता है।अधिकतर सामान्य रिंगवॉर्म जैसी दाद में आप कोई मलहम या पाउडर इस्तेमाल कर सकते हैं।जैसे कि- मयकोडर्म (FDC) कैंडिड (Glenmark), मयकोडर्म सी (FDC) इसे आप दिन में इस्तेमाल कर सकते है ताकि जो पसीने के कारण यीस्ट या खमीर , फंगल बनने की विधी को रोका जा सकता है।
मलहम या लोशन - मलहम इसे हमें बाहरी त्वचा में लगाना होता है। इसमें आपको बहुत से विकल्प मिल जाते है। LULICAN (Glenmark) Fungicross (SUN) Candid, Candid Total, Bceclomin, Lobate Gm Cream or lotion इन में से आप कोई भी मलहम ले या लोशन ले सकते है। और इसको सुबह शाम लगा सकते हैं। साथ ही आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं या तो आप हमें कॉल कर सकते है। 8839995404 श्री राम मेडिकोज & क्लिनिक हमारे यहाँ आपको ओरल मेडिसिन की जानकारी भी मिल जाएगी। दोस्तों आप कभी भी स्वयं की राय से फंगल संक्रमण की दवाई न खाये क्योंकि इनके साइड इफ़ेक्ट भी रहते है। कार्डियक पेशेंट,डायबिटिक पेशेंट बच्चे और बुजुर्ग इनको मुँह से खाने वाली दवा जितना हो सके बचना चाहिए। और कुछ दवा इनको ओरल दी जा सकती उसके के लिए आप आपने डॉक्टर को सलाह जरूर लें।
आयुर्वेदिक इलाज आपको बहुत उचित रहता है। आप इसमें आसव,काढ़ा,वटी एवं आरिष्ट तेल इत्यादि का उपयोग कर सकते है।
गिलोयघन वटी,गंधक रसायन वटी (यह डॉक्टर परामर्श से लें।) आरोग्यवर्धनी वटी, खदिरारिष्ट (10 ML सुबह शाम 10 ML पानी के साथ यह रक्तशुद्धि करता है।) गिलोय चूर्ण , निम्बादि चूर्ण , निम्बोलिन सिरप (यह रक्तशुद्धि करता है।)
तेल या मलहम - करंज तेल, निम्ब तेल, मरिच्यादि तेल, दादहर मलहम इत्यादि इनका आप उपयोग कर सकते है लेप करने हेतु।
बीमारी है की जाती नहीं ? कई लोंगो को हमने भी यही शिकायत करते सुना है। वो अक्सर यही बोलते है कि यह संक्रमण ख़त्म ही नहीं होता। असल मुद्दा यह नहीं है। कारण है कि हम स्वयं की सलाह से ही दवा ले लेते हैं इसका परिणाम यह होता है कि संक्रमण पहले से भी ज्यादा भयानक रूप ले लेता है। जो संक्रमण आपका एक सफ्ताह या एक महीने में समाप्त हो सकता था आज वह बहुत समय लेगा। इसलिए हमें जितना हो सके इससे बचना चाहिये।
आपका ड्रग एक्सपर्ट
प्रतीक विश्वकर्मा (रजि फार्मासिस्ट)
ENGLISH
We learned yesterday what is a fungal infection? Know its symptoms and types. Today we will learn about the treatment of fungal infections. You will also know what to do to avoid it. what not to do?
This disease has occurred in many people today. The reason for this may be the change in today's environment. Today we are mostly attracted to fast food and street food. Due to this also many times we have to face this disease. Therefore basic hygiene can help prevent herpes along with treatment. Infection can be avoided by keeping the skin clean and dry. Public safety includes wearing slippers in public showers or locker rooms, and avoiding anyone else's used goods and towels.
Treatment and advice
AYURVEDIC TREATMENT
Is The Disease Not Done?
We have heard many people complaining the same. They often say that this infection does not end. This is not the real issue. The reason we take the medicine on our own advice is that the infection takes a more terrible form than before. The infection that could have ended in a week or a month will take a lot of time today. Therefore, we should avoid it as much as possible.
Your Drug Expert
Prateek Vishwakarma (Reg. Pharmacist)
Nice
ReplyDelete👏👏👏👏👌👌👌
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